राम नाम(ram nam) लेखन की महिमा, नाम लेखन से मन शीघ्र एकाग्र होता है.. By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब हरि नाम लेखन की महिमा(hari nam lekhan mahima):- प्रभु से जुड़ने के अनेक माध्यम हमारे सद्ग्रंथो, ऋषि मुनियों एवं संतो द्वारा बताये गये है, उनमे से एक है हरि नाम (ram nam) जप और नाम लेखन | बाल वनिता महिला आश्रम नाम में कोई भेद नही है.. ‘ राम ‘,’ कृष्ण ‘,’ शिव ‘,’ राधे ‘ जो नाम आपको प्रिय लगे उसी को पकड़ लो तो बेडा पार हो जायेगा | नाम में भेद करना नाम – अपराध है,यही प्रयास करे की हमारे द्वरा कभी नाम अपराध न बने | कलयुग में केवल नाम ही आधार है .. तुलसीदासजी ने भी रामचरित मानस में कहा है.. कलियुग केवल नाम आधारा | सुमीर सुमीर नर उतरही पारा || सतयुग में तप,ध्यान , त्रेता में यग्य,योग, और द्वापर में जो फल पूजा पाठ और कर्मकांड से मिलता था वाही फल कलियुग में मात्र हरि नाम(ram nam) जप या नाम लेखन से मिलता है | नाम लेखन में मन बहुत जल्दी एकाग्र होता है | नाम जप से नाम लेखन को तीन गुना अधिक श्रेष्ठ माना गया है | क्योकि नाम लेखन से नाम का दर्शन, हाथ से सेवा नेत्...
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