एलोवेरा जेल व जूस का व्यापार कैसे शुरू करें, By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबबाजार में एलोवेरा की बढ़ती मांग को देखकर एलोवेरा का व्यापार करना फायदे का सौदा हो सकता है एलोवेरा का उपयोग विब्भिन्न जगह जैसे-हर्बल, कॉस्मेटिक उत्पाद, जूस और दवा कंपनियों इत्यादि में होता है, इसके उत्पादन में खर्च कम होने के साथ ही लाभ मार्जिन ज्यादा है.एलोवेरा की खेती के व्यवसाय की लागतएलोवेरा के व्यावसाय में होने वाला खर्च निम्न प्रकार है -(ये खर्च आपकी खेती के एरिया पर निर्भर करता है)27500 रुपये प्लांट का खर्च,गोबर के खाद, केमिकल और पौधों की सिचाई में लगने वाला खर्च 8750 रूपये,उत्पादों की पैकिजिंग और श्रम का खर्च 14,500 रूपये लग सकता है.एलोवेरा की फसलएलोवेरा की फसल को तैयार होने में लगभग 8-18 महीने का समय लगता है लेकिन एलोवेरा कटाई कर किसानो या उद्यमी को इस बात का पता होना चाहिए की फसल कटने के 4 से 5 घंटे के अंदर प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचना होगाएलोवेरा की खेती के लाभएलोवेरा की खेती के व्यावसाय में आप लगभग 60,000 रूपये तक का निवेश कर 5 से 6 लाख रूपये तक का मुनाफ़ा कमा सकते है. और साथ ही कम लागत में हैण्ड वाश सोप का बिज़नस भी शुरू कर सकते है.एलोवेरा जैल या जूस का व्यावसाय एलोवेरा की खेती के जैसे ही एलोवेरा जैल या जूस का बिज़नेस भी व्यापार के लिए अच्छा आईडिया है कटाई के बाद इसकेअंदर मौजूद गूदा को निकाल कर इसमें आवश्यकतानुसार पानी मिला लें, इससे आप एलोवेरा का जूस या जैल के रूप में भी अपना व्यावसाय शुरू कर सकते है.अगर आप खुद से खेती करते हुए एलोवेरा जूस या जैल का व्यवसाय करते है, तो इससे आपकी आमदनी ज्यादा होगी, अन्यथा आप ऐसे स्थान पर व्यवसाय की शुरुआत करें जहाँ से आप आसानी से कच्चे माल को प्राप्त कर सकेएलोवेरा जैल या जूस के व्यापार की लागतएलोवेरा जूस के व्यवसाय के लिए सरकार में विभिन्न योजनाए चलायी है जिसमे काम ब्याज पर ऋण दी जाती है इसके अलावा इस पर 25 फीसदी तक सब्सिडी भी सरकार के द्वारा मुहैया कराई जाती है.एलोवेरा जैल या जूस के व्यापार से लाभएलोवेरा के जूस के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में लगभग 6 से 7 लाख तक का निवेश करना पड़ सकता है, और 1 लीटर जूस बनाने में अंदाजन 40 रूपये तक का खर्च आता है आप इस जूस को बाजार मूल्य के हिसाब से बेचे कर 20 लाख रुपये तक मुनाफा कमा सकते है और इस निवेश को करने के बाद आप जूस बेचकर तक की कमाई कर सकते है.How to start Aloe Vera Prison and Juice business, By social worker Vanita Kasani Punjab Seeing the growing demand for Aloe vera in the market, trading Aloe vera can be a profitable deal. Aloe vera is used in various places like herbal, cosmetic products, juices and pharmaceutical companies, etc. With its production costs reduced, profit margins Is more. Aloe vera farming business costs The expenses in the business of aloe vera are as follows - (These expenses depend on your area of ​​cultivation) 27500 rupees plant cost, The expenditure incurred on dung manure, chemical and plant irrigation is Rs. 8750, The cost of packaging and labor of the products can be Rs 14,500. Aloe vera crop It takes about 8-18 months for the aloe vera to be ready, but after harvesting the aloe vera, farmers or entrepreneurs should be aware that within 4 to 5 hours of harvesting, they will have to reach the processing unit. Benefits of aloe vera cultivation In the business of aloe vera, you can invest up to Rs 60,000 and earn a profit of Rs 5 to 6 lakh. And you can also start a business of hand wash soap at a low cost. Aloe vera gel Aloe vera gel or juice business is a good idea for business, just like the cultivation of aloe vera, after harvest, remove the pulp inside it and add water to it as per the requirement, you can also start your business as aloe vera juice or gels If you do farming business of aloe vera juice or gels by yourself, then your income will be higher, otherwise you start a business in a place where you can easily get raw materials. Trade cost of aloe vera gels or juice Various schemes have been run in the government for the business of aloe vera juice, in which work is given on interest loan, in addition to this, subsidy of up to 25 percent is also provided by the government. Profit from the trade of aloe vera gel or juice Applying a processing unit for aloe vera juice may require an investment of around Rs 6 to 7 lakhs, and it costs an estimated Rs 40 to make 1 liter of juice. You can sell this juice at a market price of Rs 20 lakhs. You can earn profits and after making this investment, you can earn even by selling juice.

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राम नाम(ram nam) लेखन की महिमा, नाम लेखन से मन शीघ्र एकाग्र होता है..राम नाम(ram nam) लेखन की महिमा, नाम लेखन से मन शीघ्र एकाग्र होता है.. By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब हरि नाम लेखन की महिमा(hari nam lekhan mahima):-प्रभु से जुड़ने के अनेक माध्यम हमारे सद्ग्रंथो, ऋषि मुनियों एवं संतो द्वारा बताये गये है, उनमे से एक है हरि नाम (ram nam) जप और नाम लेखन |बाल वनिता महिला आश्रमनाम में कोई भेद नही है..‘राम‘,’कृष्ण‘,’शिव‘,’राधे‘ जो नाम आपको प्रिय लगे उसी को पकड़ लो तो बेडा पार हो जायेगा | नाम में भेद करना नाम – अपराध है,यही प्रयास करे की हमारे द्वरा कभी नाम अपराध न बने |कलयुग में केवल नाम ही आधार है ..तुलसीदासजी ने भी रामचरित मानस में कहा है..कलियुग केवल नाम आधारा | सुमीर सुमीर नर उतरही पारा ||सतयुग में तप,ध्यान , त्रेता में यग्य,योग, और द्वापर में जो फल पूजा पाठ और कर्मकांड से मिलता था वाही फल कलियुग में मात्र हरि नाम(ram nam) जप या नाम लेखन से मिलता है |नाम लेखन में मन बहुत जल्दी एकाग्र होता है | नाम जप से नाम लेखन को तीन गुना अधिक श्रेष्ठ माना गया है |क्योकि नाम लेखन से नाम का दर्शन, हाथ से सेवा नेत्रों से दर्शन और मानसिक उच्चारण, ये तीन कम एक साथ होते है |आनंद रामायण में नाम लेखन की महिमा(ram naam lekhan) :-आनंद रामायण में लिखा है सम्पूर्ण प्रकार के मनोरथ की पूर्ति नाम लेखन से हो जाती है |इस पावन साधन से लोकिक कम्नाये भी पूर्ण हो जातीहै और यदि कोई कामना न हो तो भगवन के चरण कमलो में प्रेम की प्राप्ती हो जाती है |महामंत्र जोइ जपत महेसू । कासीं मुकुति हेतु उपदेसू ||महिमा जासु जान गनराऊ। प्रथम पूजिअत नाम प्रभाऊ ||अनादि काल से स्वयं महादेव जिस नाम का एक निष्ठ हो निरंतर स्मरण करते हुए जिनकी महिमा का बखान भगवती पार्वती से करते रहें हैं.जिनके सेवार्थ उन्होंने श्री हनुमत रूप में अवतार लिया ऐसे श्री राम का नाम लिखना सुनना कहना भव सागर से तारणहार तो है ही –साथ ही मानव मात्र को समस्त प्रकार के दैविक दैहिक भौतिक सुखों से भी श्रीयुत करने में सर्वथा प्रभावी तथा आत्मोत्थान का सबसे सुगम माध्यम है .महावीर हनुमानजी ने स्वयं राम नाम की महिमा को प्रभु श्री राम से भी बड़ा माना है .राम से बड़ा राम का नाम ..वे कहते हैं –“प्रभो! आपसे तो आपका नाम बहुत ही श्रेष्ठ है,ऐसा मैं निश्चयपूर्वक कहता हूँ। आपने तो त्रेतायुग को तारा है परंतु आपका नाम तो सदा-सर्वदा तीनों भुवनों को तारता ही रहता है।”यह है ज्ञानियों में अग्रगण्य हनुमानजी की भगवन्नाम- निष्ठा !हनुमानजी ने यहाँ दुःख, शोक, चिंता, संताप के सागर इस संसार से तरने के लिए सबसे सरल एवं सबसे सुगम साधन के रूप में भगवन्नाम का, भगवन्नामयुक्त इष्टमंत्र का स्मरण किया है।राम नाम(ram nam) जप और नाम लेखन की महिमा :-एकतः सकला मन्त्रःएकतो ज्ञान कोटयःएकतो राम नाम स्यात तदपि स्यान्नैव सममअर्थात: तराजू के एक पलड़े में सभी महामंत्रों एवं कोटि ज्ञान ध्यानादि साधनों के फलों को रखा जाए और दुसरे पलड़े में केवल राम नाम रख दिया जाए तो भी सब मिलकर राम नाम की तुलना नहीं कर सकते.ये जपन्ति सदा स्नेहान्नाम मांगल्य कारणं श्रीमतो रामचन्द्रस्य क्रिपालोर्मम स्वामिनःतेषामर्थ सदा विप्रः प्रदताहम प्रयत्नतः ददामि वांछित नित्यं सर्वदा सौख्य्मुत्तममअर्थात: जो मानव मेरे स्वामी दयासागर श्री रामचन्द्रजी के मंगलकारी नाम का सदा प्रेमपूर्वक जप करते हैं , उनके लिए मैं सदा यत्नपूर्वक प्रदाता बनकर उनकी अभिलाषा पूरित करते हुए उत्तम सुख देता रहता हूँ.“प्रेम ते प्रगट होहि मैं जाना”श्री रामनाम लेखन से सुमिरन तो होता ही है साथ ही लेखक का अंतर्मन श्री राम के दिव्य प्रेम व तेज से जागृत होने लगता हैAlso read:- भक्तिबाल वनिता महिला आश्रमतो आइये अपने समय को सुव्यवस्थित समायोजित करते हुए इस राम नाम लेखन महायज्ञ में पूर्ण श्रद्धा से सम्मिलित हो अक्षय पुण्य के भागी बनें. मानस पटल पर प्रभु श्री राम की छवि हो पवन पुत्र की दया हो और अंगुलिया की-बोर्ड पर अथवा कलम पकड़े हुए.. राम नाम जप माला में दिव्य मणियाँ स्वतः ही पिरोयीं जाएंगी.राम नाम लेखन व जाप से लाभ:1,25,000 – इस जन्म में अजिॅत पापो का नाश होना शुरू हो जाता है ।2,25,000 -जीवन के पापो का शमन हो जाता है व सभी क्रूर व दुष्ट गृहों का निवारण शुरू हो जाता है5,00,000 -भगवान राम की कृपा से चरणों की भक्ति में वृध्दि होती हैं ।10,00,000 -पूर्व जन्मों के समस्त पापो का क्षय होता हैं ।25,00,000 -जीवन के दुःस्वप्न का नाश होता हैं एवं समस्त ऐश्वर्य भाग व मुक्ति का फल मिलता हैं ।50,00,000 -सभी तरह को पुण्यों एवं यज्ञों का फल मिलता हैं ।75,00,000 -अनेक जन्मों के पापौ का नाश हो जाता हैं तथा भगवान राम की अखण्ड भक्ति मिलती हैं ।1,00,00,000 -अश्वमेघ यज्ञ के द्विगुण रूप में फल मिलता हैं और – सर्वपाप विनिर्मुक्तो विष्णु लोकं स गच्छति ।रामनाम लिखने से एकाग्रता आती और मानसिक परेशानियां दूर होती हैं।नाम जप न बने तो नाम लेखन करो |श्री राधे! जय श्री राम!! जय श्री कृष्ण!!